‘अरमानों का बलिदान-आरक्षण’’ - इमेजिन का नया शो

    
प्रेमबाबू शर्मा

90 के दशक में आरक्षण का मुद्दा जिस तेजी से उछला और बाद में एक तीखी सामाजिक बहस का विषय रहा है। विद्यार्थियों ने देश भर में इसका विरोध किया और कुछ लोगों ने तो अपनी वेदना को व्यक्त करने के लिये आत्मघाती कदम भी उठाए। बीस वर्षों के बाद भी ‘आरक्षण व्यवस्था’ उन युवाओं के बीच अंदर ही अंदर सुलगता हुआ मुद्दा है, जो या तो इससे लाभांवित हुए हैं या जिन्होंने इसका खामियाजा भुगता है। इमैजिन प्रस्तुत करता है नौकरियों में आरक्षण के परिदृश्य पर आधारित एक नया धारावाहिक- ‘अरमानों का बलिदान-आरक्षण’। अरमानों का बलिदान-आरक्षण का निर्माण रविन्द्र गौतम के आरजी एंटरटेनमेन्ट और कमल पाण्डे के कामदगिरी प्रोडक्शंस ने संयुक्त रूप से किया है।  जिसका प्रसारण 29 नवंबर, 2010 से प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार, रात ८.30 बजे से चैनल इमैजिन पर होगा ।

अरमानों का बलिदान-आरक्षण, सुमेधा और आकाश की प्रेम कहानी है। सुमेधा के परिवार ने आरक्षण के कारण अपना एक बेटा खो दिया, जबकि आकाश को आरक्षण का लाभ मिला और वह जिला मजिस्टेªट बन गया। परवान चढ़ते अपने प्रेम के साथ आकाश हमेशा इस सच्चाई को भी स्वीकार करता है कि उसे आरक्षण से फायदा हुआ है।

‘अरमानों का बलिदान-आरक्षण‘ पर इमैजिन के फिक्शन प्रोग्रामिंग के प्रमुख श्री सौरभ तिवारी का कहना था कि, ‘‘इमैजिन में हमारा लक्ष्य प्रासंगिक कहानियों का प्रसारण करना है। यह धारावाहिक एक सशक्त प्रेम कथा को निरूपित करता पारिवारिक धारावाहिक है, जो उस अत्यंत संवेदनशील मुद्दे पर आधारित है, जो अभी भी आधुनिक भारत में मौजूद है। इस धारावाहिक के विषय को पूरी संवेदनशीलता के साथ निभाया गया है और यह दोनों पक्षों के जीवन की कड़वी सच्चाईयों को दर्शाता है।’’

अरमानों का बलिदान-आरक्षण का निर्माण रविन्द्र गौतम के आरजी एंटरटेनमेन्ट और कमल पाण्डे के कामदगिरी प्रोडक्शंस ने संयुक्त रूप से किया है।

इस धारावाहिक के विषय में टिप्पणी करते हुए, निर्माता एवं निर्देशक रविन्द्र गौतम ने कहा कि, ‘‘इस धारावाहिक का विषय यह नहीं है कि आरक्षण व्यवस्था होनी चाहिये या नहीं, बल्कि यह उन लोगों पर आधारित है जिन्होंने इसके कारण कुछ पाया या कुछ खोया है। यह दो युवाओं की प्रेम कहानी है, जिसमें आरक्षण से लाभांवित होने वाला एक व्यक्ति परिस्थितियों को ठीक करने और समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहा है। इस मूल परिकल्पना के साथ-साथ यह धारावाहिक प्रेम, नाटकीयता, उतार-चढ़ाव से परिपूर्ण है।’’

निर्माता एवं लेखक कमल पाण्डे का मानना है कि, ‘‘अरमानों का बलिदान-आरक्षण एक आम प्रेम कहानी है, जो आरक्षण व्यवस्था के परिदृश्य में दो अच्छे दोस्तों के बीच पनपती है। इस धारावाहिक में प्रेम से लेकर घृणा, खुशी से लेकर उदासी और आकांक्षाओं से लेकर महत्वाकांक्षाओं तक हर प्रकार की भावना सिमटी है। इस धारावाहिक के कलाकार नये हैं और यह कहानी बहुत मनोरंजक तथा दिल को छूने वाली है।’’

इस धारावाहिक में आर्य कुमार, परिवा प्रणती, राहुल लोहनी, मुनि झा, मनमोहन तिवारी, अभिनय कर रहे हैं।

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