प्रवीण कुमार शर्मा
एक बच्चा
उम्र का कच्चा
खिलौने नही
औजार सही
किताबे नही
मार सही
दोस्त नही
दुकानदार सही
आराम नही
काम सही
घर नही
सडके सही
एक बच्चा
उम्र का कच्चा।
किस बात की सजा
जिन्दगीं क्यो खफा
हर तरफ षोषण
धूप में जलते बदन
काम दिन रात
मिला नही कुछ
पाया नही कुछ
बचपन खोया
तो सब कुछ खोया
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