माँ गुजर चुकी हैं पापा दारू पीकर पड़ा रहता हैं बड़ा भाई और उसका दोस्त काम करवाते हैं पूछने पर बताया कि भाई भी कूड़ा बीनता हैं और इस पैसे से चीज खायेंगे. पापा कुछ काम नहीं करते.और हमारी कालोनी में बहुत सारे बच्चे इस तरह का काम करते हैं. जिससे चरम रोग, कुपोषण, लीवर जैसी बीमारिया सभी को हो रखी हैं. अगर सरकार चाहे तो इन बच्चो के उत्थान के लिए काफी कुछ कर सकती हैं.
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Chandan & Rajkumar, resident: JJ colony Sec-7 Dwarka |
मेरे अंदाज से दिल्ली के जे जे कालोनी व अन्य झुग्गियों में लगभग तीस हजार बच्चे इस तरह के हैं. अगर हमसब पहल करे और इस विषय को मंच पर लाये तो शायद इन बच्चो के लिए कोई हाथ आगे बढ सकता हैं.
सरकार अपनी खीचतान में लगी हैं और दिल्ली राजधानी होकर भी बच्चे इस तरह का शापित जीवन जीने को मजबूर हैं - इन बच्चो का तो कोई दोष नहीं हैं अगर माँ मर गयी या बापू दारू पिता हैं तो आखिर इंसानों कि बीच रहते हैं. अब इस तरह के विषयों को भी मंच मिलना चाहिए केवल फाइलों में बहुत काम हो चूका सारा पैसा देश से बहार हैं और जाता ही जा रहा हैं हमारे देश के बच्चे भूखे हैं, बीमार हैं , नशे के आदि हो गए हैं,
क्या होगा हमारे देश का --- - - -
Submitted by :
Naresh Lamba9891550792
Founder President,
Social Development Welfare Society (Regd.NGO)
www.socialdevelopmentwelfaresociety.org
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