अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए श्री सिंह ने बताया कि मैट्रो स्टेशन के आसपास रिक्शा चालकों की भारी तादाद यात्रियों की प्रतीक्षा में देर रात तक यहां पर मौजूद रहती है। अपना गुजारा करने दिल्ली में आए अन्य राज्यों के कुछ ऐसे भी मजदूर और रिक्शा चालक हैं जिनके रहने का कोई स्थाई बन्दोबस्त नहीं है। इन हालातों में सर्दी के मौसम में ठण्ड़ की मार से बचने के लिए यह रैन बसेरा इनके लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने बताया कि इस रैन बसेरा में ठहरने वाले मजदूरों और रिक्शा चालकों को उनकी संस्था के द्वारा कम्बल-चादर, नियमित मेडिकल चेकअप, एच.आई.वी. से बचाव की जानकारी और पढ़ने-लिखने की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी।
संस्था के परामर्शदात्री माता निर्मल ने कहा कि संस्था के माध्यम से लोगों की सेवा ही हमारा उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि रैन बसेरा के रख-रखाव और उसकी देखभाल के लिए दिल्ली सरकार के द्वारा एक-एक गार्ड और सुरक्षाकर्मी भी नियुक्त किए गए हैं, साथ ही साथ हमारी संस्था के वालंटियर भी इनके सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।
संस्था के परामर्शदाता संतोष पटेल ने बताया कि हमारा उद्देश्य केवल मात्र सामाजिक व्यवस्थाओं को स्थापित करना ही नहीं बल्कि उसके संचालन को सफल बनाना भी है। इस रैन बसेरा का निर्माण भी उन सामाजिक व्यवस्थाओं में से एक है जिसके संचालन को सफल बनाना है। उन्होंने कहा कि रैन बसेरा में होने वाली संभावित असमाजिक गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए हमारी संस्था के वालंटियर हमेशा चौकन्ने रहेंगे।
इस उद्घाटन समारोह के दौरान संस्था के संरक्षक आदेश वालिया, अध्यक्ष डा. सुकृत शर्मा, उपाध्यक्ष रानी सिंह व विजेन्द्र चौधरी समेत कई बच्चे, मजदूर और रिक्शा चालक भी मौजूद थे।