जीवन को नया आयाम देता है संगीत : गोविंद सरस्वती


जाने माने संगीत निर्देशक श्री गोविंद सरस्वती का जीवन अंतरात्मा से संगीत को समर्पित है। बिहार के ग्रामीण परिवेश से बालीवुड तक का सफर बड़ा ही रोचक रहा है। बचपन से ही संगीत के क्षेत्र में रूझान को तब मकाम मिला जब सरस्वती जी ने पंडित राजन-साजन मिश्रा, रीतेश-राजनीश मिश्रा, शर्मा बंधु, मृदुल कृष्ण शास्त्री, सोनू निगम, सुरेश वाडेकर, वंदना वाजपयी, रवींद्र जैन, तृप्ति शाक्या तथा अनेकों नामचीन हस्तियों के साथ कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। सरस्वती जी को भावना कला ग्रुप द्वारा राजधानी रत्न सम्मान एवं सावित्री विकास परिषद् द्वारा सावित्री पुरस्कार एवं परशुराम अवार्ड आदि प्राप्त हो चुके हैं। इनकी उपब्धियों और संगीत के क्षेत्र में क्रियाकलापों पर मुख्य सम्पादक सिद्धेश राय से बातचीत के कुछ अंश:

गोविंद जी आप अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं संगीत के क्षेत्र में अपने पदार्पण के बारे में बताएं? 
मेरा जन्म बिहार के दरभंगा जिले में हुआ। माता-पिता ईश्वरोपासक रहे हैं और रामायण, गीता-दर्शन एवं वेदांत के गूढ़ तत्वों के मर्मज्ञ रहे हैं। जिनका प्रभाव मेरे संस्कार पर रहा है। संगीत से स्नातकोत्तर की उपाधि लेकर महान गुरुओं श्री श्यामजी मिश्र, उस्ताद मज़ीद ख़ान, श्री रामजी मिश्र, श्री रामाश्रय सिंह एवं अनेक शास्त्रीय संगीत के विद्वानों का सानिध्य प्राप्त किया। 

संगीत के क्षेत्र में प्रारंभिक दौर के बारे में कुछ बताएं? 
देखिए! सन् 1986 में मैं दिल्ली आया तथा डीएवी स्कूल में संगीत शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। इसी दौरान जेसस मैरी कालेज में के एक बैले ‘आनंद राशि’ में बतौर संगीत निर्देशक के रूप में कार्य किया। इसी क्रम में दूरदर्शन के कार्यक्रमों में भी अवसर मिला। 

मशहूर गायक सुरेश वाडेकर, प्रसिद्ध संगीतकार रविन्द्र जैन के साथ गोविंद सरस्वती 

सुरेश वाडेकर तथा सोनू निगम के साथ आपके अनुभव कैसे रहें? 
वैसे तो मुझे बालीवुड के कई हस्तियों के साथ कार्य करने का सौभाग्य मिला। जिनमें सुरेश वाडेकर जी के साथ काम करना मेरे लिए सबसे ज्यादा आनंदायक रहा है क्योंकि वह सहृदय, विद्वान और संगीत के मर्मज्ञ हैं। सोनू निगम जी के बारे में क्या कहना... वह तो लाजवाब हैं! राजन जी जैसे लोगों के साथ करना सच में मैं अपनी उपलब्धि मानता हूं। 

आपके जीवन का कोई ऐसा वाकया जिसे आप टर्निंग प्वांइट मानते हैं? 
जी हां! टिप्सी की रिकार्डिंग के दौरान मेरी मुलाकात मनीषा जी से हुई। जिन्होंने मेरे जीवन को आम से ख़ास बना दिया। इसके बाद मैं माइल स्टोन, एचएमवी, म्यूज़िक टूडे, सागरिका टाइम्स तथा कई क्षेत्रीय कम्पनियों में एक सिद्धहस्त संगीत निर्देशक के रूप में स्वीकारा गया। अभी चैन्ट्स आफ बुद्धा, साईं भजन जल्द ही बाजार में आने वाला है, शास्त्रीय एवं मूल संगीत पर आधारित है। 

भविष्य में आपकी क्या योजनाएं हैं? 
श्री राशिद ख़ान एवं शुभा मुगद्ल की आवाज़ को रिकार्ड करने की योजना है जिसका लेखन प्रख्यात लेखक श्री समीर अंजान कर रहे हैं। मेरी योजना है कि लता दीदी एवं आशा जी के साथ काम करूं इसके लिए मैं एक रूपरेखा तैयार कर रहा हूं। ईश्वर की इच्छा होगी तो योजना सफल हो जाएगी। 



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