अंना हज़ारे ने मुख्य चुनाव आयुक्त श्री वी०अस० सम्पत से भेंट की

कमांडर (से०नि०) यशवंत प्रकाश

दिनाकं ११ दिसम्बर २०१२ को शाम चार बजे श्री अंना हज़ारे ने नयी दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त श्री वी०अस० सम्पत से भेंट कर चुनाव प्रक्रिया में आवश्यक सुधारों के बारे में चर्चा की। मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ चुनाव आयुक्त, उप चुनाव आयुक्त, महा निदेशक (स्वीप) व कानून सलाहकार थे। अंना के साथ श्री सी०अस० द्विवेदी (पूर्व पुलिस महानिदेशक ), सुनिता गोदारा, बिरेंद्र खोखर व कमांडर यशवंत प्रकाश शर्मा मोज़ूद थे।



निम्न मुख्य बिंदुओं पर चर्चा हुई :-

१। अंना ने बताया कि मौजुदा चुनाव प्रक्रिया में गांवों व निकायों मे मतदान के बाद मतपेटी पर जगह का नाम अंकित कर दिया जाता है। मत गणना के समय उम्मीदवार सामने खडे होते हैं और उंनके अनुसार मत नहीं मिलने पर वहां की जनता से बदला लेने की प्रवृति  से व्यवहार किया जाता है। इस के कारण विकास में रुकावट आती है एवम जनता को प्रताडित भी किया जाता है। इस को रोकने के लिये टोटलाइज़र मशीन का उपयोग किया जाना चाहिये। श्री सम्पत ने बताया कि इस समस्या के निवारण के लिये टोटलाइज़र मशीन का उपयोग किया जायेगा।

२। अंना ने बताया कि राजनैतिक क्षेत्र में गुनहगारीकरण बढता जा रहा है । विधानसभा व लोकसभा लोकशाही के पवित्र मंदिर हैं । ऐसे पवित्र मंदिर में अपराधी लोग जा रहे हैं जो कि संसद विधान सभा और लोकशाही का अपमान हैं। कई बार मत पत्र में सभी उम्मीद्वार अपराधिक छ्वी के होते हैं तो जनता को विवश हो कर किसी  एक को मत देना पडता है। इसे रोकने के लिये "ना पसंदगी" का विकल्प होना चाहिये। श्री सम्पत ने बताया कि चुनाव आयोग ने ई०वी०अम० मशीनों में ना पसंदगी का बटन लगाने के लिये निर्वाचन आयोग के प्रयास जारी हैं। श्री सम्पत ने बताया कि इस के लिये कोई नया कानून लाने की जरूरत नहीं  है एवम सरकार इस के लिये आदेश पारीत  कर यह काम करवा सकती है। श्री सम्पत ने अंना को सुझाव दीया  कि वो इसके लिये कानून मंत्री से मिलें और प्रयास करें एवम इसके लिये मतदाताओं को भी जाग्रत करें।

३। अंना ने देश में पक्ष और पंथ की राजनीति के कारण गावों एवम कस्बों में पक्ष, पंथ, जाति के आधार पर जनता के विभाजन के दुश्प्रभाव से चुनाव आयोग को अवगत कराया और इसे रोकने के लिये उनकी राय मांगी। अंना ने यह भी बताया कि श्री बाबा साहब अम्बेडकर ने संविधान में पक्ष व पार्टी का कोई उल्लेख नहिं किया है। श्री सम्पत ने इस में अपनी सहमती बतायी और कहा कि हमारे संविधान में पक्ष पार्टी का नाम दल बदलने को रोकने के के लिये किये गये संविधान संशोधन के साथ आया और वर्तमान में हमारे देश में पक्ष व पार्टी को रोका नहीं जा सकता। श्री सम्पत ने कई दूसरे देशों में इस समस्या को रोकने के बारे में हुये प्रयासों के बारे में बताया और इस सम्बंध में और जानकारी उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया।

४। अंना ने अपनी आगामी देशव्यापी यात्रा के दौरान मताधिकार के बारे में जनता को जागरुक करने के अपने इरादे के बारे में चुनाव आयोग को बताया और इसमें उनकी सहायता की मांग की। श्री सम्पत ने चुनाव आयोग के पास उपलब्ध सूचना व सम्बंधित प्रिंटेड मैटीरियल देने का आश्वासन दिया।

५। अंना ने राजनैतिक पक्षों के चुनाव में जनता को लुभाने के लिये अत्यधिक खर्चे करने एवम इसके लिये करोडों का चंदा वसूलने की बात रखी। अंना ने बताया कि इस बारे में कानून से बचने के लिये राजनैतिक पार्टियां चंदे की राशी को २०,००० रुपये से कम में विभिंन नामों से चंदा बताकर लेती हैं एवम देश में काले धन को सफ़ेद करती हैं। अंना ने कहा कि राजनैतिक पार्टियों के चंदे और खर्च का आडिट होना चाहिये। श्री सम्पत ने बताया कि चुनाव आयोग ने सरकार को चुनाव आयोग के द्वारा गठित समिति या कम्प्ट्रोलर अकाउंटेंट जनरल (कैग) से पार्टियों के खर्चे का औडिट करवाने के बारे में लिखा है।

चर्चा सौहार्द्पूर्ण वातावरण में लगभग एक घंटे चली। श्री सम्पत ने अंना से आग्रह किया कि वो चुनाव आयोग द्वारा चुनाव प्रणाली में सुधारों के प्रयासों को सकारात्मक सहयोग प्रदान करें।

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