वक्त पड़ने पर तेरे करीबी ही शरीक होते हैं.“खुशियों में अनजाने भी शरीक होते हैंलेकिन दुःख की घडी में आपके अपने ही करीब होते हैं”यूँ तो दुनिया है बड़ी रंग रंगीलीपर वक्त पड़ने पर अपने अपने व् पराये पराये होते हैंखुदा सबको जगह देता है कभी अपना तो कभी पराया बना देता हैइस इन्सान को खुद पता नहीं बंदगी पर,पर खुदा बन्दों को ही सजा देता है
धन- दौलत. चमक धमक, ख़ुशी से लोभी ही आकर्षित व् प्रभावित होते हैंआपके अपनेपन, व्यवहार, ज्ञान व् कर्मठ बंदगी पर तो आज भी योद्धा नतमस्तक होते हैं. यूँ तो भरी दुनिया में सभी आपके करीब होते हैंगैरों से गम न कर बन्दे, बंदगी पर भरोसा कर लेतू तो चला था इस पूरी दुनिया को अपना बनाने
जिन्दगी के में कभी-कभी अपने गैर और गैर अपने दिखते हैंमगर इस बैगानी दुनिया से तुझे क्या लेना ऐ दोस्ततू कितना खुश नसीब है इस जहाँ में क्योंवक्त पड़ने पर तेरे करीबी ही शरीक होते हैं.एस. एस. डोगरा (दिनांक ३०-०९-२०१३)
बड़े भाई के देहान्त को समर्पित श्रद्धांजलि
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