शोक सन्देशहिंदुस्तान के प्रसिद्ध साहित्यकार श्री राजेन्द्र यादव 6 दशकों तक अपनी कलम के जादूगरी के बाद अपने प्राण त्याग गए. वे ८४ वर्ष के थे. हंस पत्रिका में प्रकाशित कुछेक सम्पादकीय पढने के बाद एक बार मेरी मुलाकात शीर्ष भारतीय लेखक व नाटककार विजय तेंदुलकर का इंटरव्यू लेते हुए इंडिया हेबिटेट सेंटर में हुई. उनकी गंभीरतापूर्वक व् सरल व्यवहार से मैं अत्यंत प्रभावित हुआ हालाँकि कई बार महिलाओं पर कुछ टिका टिप्पणी के लिए कुछ वक्त वे चर्चा में रहे. परन्तु उनकी लेखनी के लिए बड़े बड़े साहित्यकार आज भी उनके नाम का लोहा मानते हैं. ईश्वर ऐसे अनोखे साहित्यकार की आत्मा को शान्ति प्रदान करे तथा उनके पीछे समस्त परिवार को इस दुख की घडी में इस संकट को सहन करने शक्ति दे.
द्वारका परिचय समाचार पत्र समूह की ओर से दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए शत शत नमन.
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