अपार इंडिया कॉलेज-करोलबाग में "ध्यान द्वारा जागरूकता" कार्यशाला


योग व ध्यान के द्वारा रोगों से मुक्ति के साथ-साथ विद्यार्थियों की शारीरिक व मानसिक शक्ति भी बढती है तथाएकाग्रता व स्मरण शक्ति में आश्चर्यजनक रुप से वृद्धि होती है। इसे देखते हुए अपार इंडिया कॉलेज-करोलबाग में "ध्यान द्वारा जागरूकता "कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान आध्यात्मिक-समाजसेवी संस्था "अनंतपथ" के आचार्य हरानंद एवं आचार्य चिन्मयी आदि नेविद्यार्थियों को जीवन-कुशलता, मानसिक क्षमता एवं सामाजिक निपुणता में वृद्धिकारक योगासन एवं ध्यान प्रक्रिया से अवगत कराया।

कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए अपार इंडिया ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशंस के फाउंडर चेयरमैन श्री राजकुमार जैन ने कहा कि अक्सर हमेंप्रत्येक कार्य ध्यानपूर्वक करने की सीख दी जाती है। लेकिन आमतौर पर ध्यान एक जगह पर केंद्रित नहीं हो पाता। क्योकि मन बड़ा चंचलहोता है, इसलिए वह विचलित होता रहता है। ध्यान-साधना से मन शीघ्र एकाग्र होकर अध्ययन में लग जाता है। इसलिए विद्यार्थी के लिए योगअत्यन्त लाभकारी है।

अनंतपथ के आचार्य हरानंद ने कहा कि संसार में व्याप्त बुराईयों का मूल कारण जागरूकता का अभाव है। इंसान गलत काम तबकरता है जब वह जागरूक नहीं होता । वह लोभ, मोह, मद एवं माया आदि के वशीभूत होकर जीवन की वास्तविकता को नहीं समझ पाता।ध्यान-साधना से आत्मबोध होता है जो हमें उत्कृष्टता की और ले जाती है। अनवरत साधना से अकल्पनीय और दुरूह कार्य में भी सफलता प्राप्तहोती है। आचार्य हरानंद ने ध्यान द्वारा जागरूकता के सात चरणों जीव जागरूकता, जन जागरूकता, आकांक्षा जागरूकता, व्यक्तिगतजागरूकता, अनुशासन के प्रति जागरूकता, अनुभव जागरूकता एवं महारत जागरूकता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। आचार्य हरानंद एवंआचार्य चिन्मयी ने कुण्डलिनी साधना के नौ चक्रों में प्रत्येक से सबंधित विकार एवं उसे जाग्रत करने की विधि भी बतलायी। अंत में अनंतपथके साधक आशीष जी ने छात्रों की शंकाओं का समाधान प्रस्तुत किया।

उल्लेखनीय है कि अपार इंडिया ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशंस अपने यहां अध्ययनरत छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान देती है।इसके लिए वह समय-समय पर विभिन्न सेमिनार, वर्कशॉप, इंडस्ट्रियल विजिट आदि का आयोजन कराती रहती है। "ध्यान द्वारा जागरूकता"कार्यशाला उसी की एक कड़ी है। आध्यात्मिक, समाजसेवी संस्था "अनंतपथ" भी पिछले 12 वर्षों से राष्ट्र उत्थान एवं जन कल्याण कार्य में जुटीहै। यह श्री श्री साईं प्रेम बाबा के स्वयं सिद्धि, साधना एवं सेवा के विचार पद्धति पर कार्य करती है।

संस्था जन सामान्य को ध्यान-साधना सिखाने के साथ ही साथ अपने कादीपुर आश्रम स्थित स्कूल में पांचवीं तक के बच्चों को मुफ्तशिक्षा, निः शुल्क डिस्पेंसरी आदि सुविधा उपलब्ध कराती है। इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्रों में रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर एवंजागरूकता शिविर आदि का आयोजन करती रहती है। संस्था ने उत्तराखंड आपदा पीड़ितों को भी राहत पहुंचाई।

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