भारत विकास परिषद् दिल्ली प्रदेश उत्तर के द्विवार्षिक चुनाव संपन्न


 भारत विकास परिषद् दिल्ली प्रदेश उत्तर के द्विवार्षिक चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए श्री संजीव मिगलानी एवं महासचिव पद के लिए श्री नरेंद्र सिंघल लगातार दूसरी बार निर्विरोध निर्वाचित घोषित कियेगए। इनके अलावा श्रीमती रश्मि गोयला सर्वसम्मति से कोषाध्यक्ष चुनी गयीं। भाविप दिल्ली प्रदेश उत्तर द्वारा त्रिलोक भवन, शालीमार बाग में आयोजित वार्षिक आम बैठक के दौरान चुनाव अधिकारी श्री बी. सी. गुप्ता की देख-रेख में यह चुनाव संपन्न हुआ। इस अवसर पर पूर्व महापौर एवं भा.वि.प.दिल्ली प्रदेश उत्तर के मुख्य संरक्षक श्री महेश चन्द्र शर्मा, प्रमुख परामर्शदाता श्री राजकुमार जैन सहित भारत विकास परिषद् की विभिन्न शाखाओं केपदाधिकारी मौजूद रहे।

भा.वि.प.दिल्ली प्रदेश उत्तर के मुख्य संरक्षक श्री महेश चन्द्र शर्मा ने परिषद् के संस्कार एवं सेवाभावी कार्यों का जिक्र करते हुए इन कार्यक्रमों को और भी अधिक विस्तार देने की जरुरत पर बल दिया। प्रमुख परामर्शदाताश्री राजकुमार जैन ने वर्त्तमान समय में संस्कार कार्यक्रमों की अत्यधिक महत्ता बतलाते हुए अधिकाधिक युवाओं एवं महिलाओं को इन कार्यक्रमों से जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री जैन ने कहा कि युवा ही बदलाव केसच्चे सारथी होते हैं और देश के इन कर्णधारों को अच्छे संस्कार देने में महिलाओं की विशेष भूमिका होती है। अध्यक्ष श्री संजीव मिगलानी ने समय के साथ परिषद् के कार्यक्रमों में भी बदलाव की हिमायत करते हुए कहा कि युवापीढ़ी को अपने साथ जोड़ने के लिए हमें अपनी संस्कृति की मर्यादाओं में रहते हुए युवाओं की रूचि के अनुरूप कार्यक्रमों की रुपरेखा बनानी होगी।

महासचिव श्री नरेंद्र सिंघल ने वार्षिक रिपोर्ट पेश करते हुए प्रान्त द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी जबकि कोषाध्यक्ष श्री बी.बी.दिवान ने आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया। वार्षिक आम बैठकके दौरान भाविप दिल्ली प्रदेश उत्तर के संरक्षक श्री हीरालाल चावला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री जोगीराम जैन, उपाध्यक्ष श्री सुभाष गुप्ता एवं श्री बृजेश मांगलिक, अतिरिक्त महासचिव श्रीमती वंदना गुप्ता, संगठन सचिव श्रीमतीकविता अग्रवाल, अतिरिक्त संगठन सचिव श्री हजारीमल गुप्ता एवं डॉ.राकेश गर्ग, सचिव श्री रमेश राठी एवं श्री के. के. शर्मा सहित बड़ी संख्या में अन्य प्रांतीय तथा शाखा दायित्वधारी उपस्थित रहे।

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