बिन गुरु ज्ञान मिला ना किसी को इतिहास गवाही देते
धन है ये खेलों के खिलाडी जो खेल के मन हर लेते
सन ८३ में कपिल ने इतिहास रचा
वही जज्वा और जोश सचिन, युवराज,धोनी, जहीर में भी खूब दिखा
अब विराट की बारी है
उम्मीद पे दुनिया सारी है
रोहित, शम्मी, शिखर, जडेजा, अश्विन खेल में भरकम भारी हैं
फाइनल मैच के वास्ते संघर्ष और मेहनत जारी है
अब विराट की बारी है
गीतकार-सरदीप सिंह
Member: IMPA, IPRS- &
FILM WRITERS ASSOCIATION Mumbai
Labels: cricket, Sports