विष्णु गार्डन सी ब्लॉक इलाके में ढही ईमारत छ: की मौत,मलबे में 15 -18 लोगों के दबे होने आशंका


अशोक कुमार निर्भय

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के राजौरी गार्डन जोन के अंतर्गत पश्चिमी दिल्ली के विष्णु गार्डन इलाके में शनिवार रात एक चार मंजिला इमारत ढह गई। इसमें पांच लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में महिलाएं भी शामिल हैं। कुछ लोगों के अभी भी 15 से 20 फंसे होने की आशंका जतायी जा रही है। समाचार लिखे जाने तक 12 घायलों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका है। फायर ब्रिगेड की आठ गाड़ियां और NDRF की टीमें मौके पर बचाव के काम में लगी हुई हैं। बताया जा रहा है कि मस्जिद ख्याला इलाके में सी ब्लॉक के करीब स्थित इस बिल्डिंग के पास में ही बेसमेंट की खुदाई का काम चल रहा था। इस वजह से नींव कमजोर हो गई और यह बिल्डिंग गिर गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस बिल्डिंग में खुदाई की जा रही थी उसके निर्माण की अनुमति दक्षिणी दिल्ली नगर निगम,आपदा प्रबंधन विभाग,फायर सेफ्टी विभाग और एस टी एफ प्रमुख क्षेत्रीय राजस्व विभाग के एस डी एम से नहीं ली गयी थी। बावजूद इसके किसके इशारे पर यह गैर क़ानूनी खुदाई और निर्माण कार्य किया जा रहा था ? लोगों में दहशत का माहौल है और सभी दबी जुबान में दिल्ली नगर निगम के क्षेत्रीय अभियंता को दोषी बता रहे हैं। 

फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि घटना की सूचना उन्‍हें रात 9 बजे के आसपास मिली। ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस दीपेंद्र पाठक ने बताया कि कुछ लोगों को गंभीर चोटें लगी हैं। उन्हें करीब के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। क्षेत्रीय आप विधायक जरनैल सिंह ने मौके पर पहुँच कर राहत कार्यों का जायजा लिया और मीडिया से कहा की यह घोर लापरवाही निगम की है जिसके भ्रष्टाचार के चलते दिल्ली में यह हादसे हो रहें हैं। जरनैल सिंह ने हादसे के लिए एमसीडी (म्युनिसिपल कॉर्पोशन ऑफ दिल्ली) को सीधे जिम्मेदार ठहराया है। तिलक नगर से एमएलए सिंह ने कहा, '' ये एमसीडी का करप्शन है। लोगों की जिंदगियों से खेला जा रहा है। इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। यह सुनिश्चित करना एमसीडी की जिम्मेदारी है कि इमारतें बनाने से पहले इससे जुड़े कानूनों का पालन हो। इस घटना में भी अगर कोई चूक हुई है तो इसके लिए एमसीडी जिम्मेदार है।'' बता दें कि एमसीडी पर बीजेपी का शासन है। वहीँ जब क्षेत्रीय भाजपा निगम पार्षद ने फोन पर बताया की सीधे- सीधे दिल्ली जल बोर्ड इस हादसे का जिम्मेदार है। गलती निगम के अभियंता की भी है की उसने सही रिपोर्ट अपने अधिकारीयों को नहीं दी और ना ही मुझे जानकारी दी की वहां दिल्ली सरकार के आधीन दो महीने पहले चल रहे खुदाई कार्य और लाइन बिछाने का काम छोटी गली होने के बावजूद जे सी बी लगाकर किया जा रहा है और पूरी गली एक बार में खोद दी गयी जो गलत था, इसी कारण 40 -30 साल पहले बगैर प्लानिंग के बने मकानों में पानी रिस गया नींव कमजोर पड़ गयी और यह दुखद हादसा हो गया। इस हादसे की दोषी आप सरकार है जो अवैध निर्माणों को बढ़ावा देने के लिए अध्यादेश ला रही है जो दिल्ली के जनता के हक नहीं है। हमने भी सीवर और पाइप लाइने डलवाई हैं लेकिन इतनी लापरवाही से नहीं, सावधानी से डलवाई किन्तु आप विधायक तो काम कैसे चल रहा है कभी देखने नहीं आये तभी यह हादसा हो गया। मुझे बड़ा दुःख है। वही बिल्डिंग गिरने आसपास के मकानों में भी दरारें पड़ गयी हैं जिनमे भारी बारीश के चलते और बड़ा हादसा हो सकता है। प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए लेकिन अभी सब मलबा हटाने में लगे हैं। 

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