गरीबी, अशिक्षा, गंदगी पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर आवाज उठाएंगे बच्चे

प्रेमबाबू शर्मा​

देश में सामाजिक सुधारों की दिशा में अब बच्चे अगुवा बनने की कोशिश कर रहे हैं। नाइन इस माइन अभियान के ये बच्चे माई वर्ल्ड, माई वॉयस नाम की एक रिपोर्ट लॉन्च करने के अवसर पर बात कर रहे थे।

देश भर के 1,००० से अधिक बच्चों ने उनसे जुड़े मसलों को लेकर यह रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट दरअसल यूनिसेफ समर्थित सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल (एसडीजी) अभियान सीन एंड हर्ड का एक हिस्सा हैं।

गंदगी, अशिक्षा, गरीबी, साफ-सफाई, समानता और विकलांगों के साथ भेदभाव, पर्यावरण संरक्षण जैसे मसलों पर बच्चों ने अपने अनुभव साझा किए और देश के नीति निर्माताओं के सामने अपने अधिकारों के लिए मांगें रखी। गोल-1 एवं गोल-2 जैसे नाम देकर बच्चों ने इस अभियान में शिक्षा की गुणवत्ता पर भी खासा जोर दिया।

यूनिसेफ के प्रतिनिधि लूइस जॉर्ज आर्सेनॉल्ट ने कहा कि बच्चों का यह प्रयास काबिलेतारीफ है और इसे बढ़ावा देने के साथ ही संबंधित एजेंसियों को इन समस्याओं को दूर करने के प्रयास करने चाहिए।

उन्होंने कहा, 'बच्चों के इस नए लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सबको साथ काम करने की जरूरत है। हमें उनकी भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।’​

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