भारत के पास एक ओलिंपिक गोल्ड मैडल जीतने की क्षमता नहीं, गुडविल एम्बैसडर तीन-तीन

(एस. एस. डोगरा)

जी हाँ, चौकिएँ नहीं भारत ने ओलिंपिक खेलों की दुनिया में भले ही व्यक्तिगत खेल प्रतियोगिता में 115 सालों के सफ़र में एक मात्र ही स्वर्ण पदक जीता हो लेकिन इस बार गुडविल एम्बैसडर तीन-तीन बना डाले हैं. और सबसे बड़ी आश्चर्य का विषय यह भी है कि अभिनेता सलमान खान को रियो ओलिंपिक 2016 के लिए भारत की तरफ से गुडविल एम्बैसडर चुना गया है। यह खेलों की दुनिया में पहली बार हुआ है जब किसी बॉलीवुड अभिनेता को खेलों के लिए गुडविल एम्बैसडर चुना गया हो. इसके आलावा भारत रत्न, क्रिकेट के महानतम खिलाडी एवं सांसद मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर तथा भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा रियो खेलों में भारतीय दल का सद्भावना दूत भी है। आईओए महासचिव राजीव मेहता का मानना है कि ‘‘ये दिग्गज खिलाड़ी और सेलीब्रिटी ओलंपिक अभियान के विचार को देश के कोने कोने, प्रत्येक गांव, ब्लॉक और भारत के प्रत्येक शहर में फैलाएंगे।’’मेहता जी अनुसार ‘‘यह देश में खेल संस्कृति तैयार करने में मदद करेंगे। अगर हमें खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाला देश बनना है तो हमें खेल संस्कृति की जरूरत है।’’

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने पुष्टि की कि 2008 बीजिंग ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा को खेलों के महाकुंभ में देश का ध्वजवाहक होंगे। बिंद्रा इस साल अपने पांचवें ओलंपिक में हिस्सा भी लेंगे। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने इस खबर पर खुशी जाहिर की है। एनआरएआई अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने कहा, 'वह भारत का एकमात्र एकल स्वर्ण पदक विजेता है। वह अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) के कार्यकारी बोर्ड में भी शामिल है। हमें लगता है कि यह अच्छा और तार्किक फैसला है। हम तहेदिल से इसका समर्थन करते हैं।'

अब सवाल उठता है कि इस बार के रियो में ओलंपिक खेल जोकि 5 अगस्त से 21 अगस्त खेले जाएंगे जिसमें कुल 28 खेलों में 206 देशों के 10,500 से ज्यादा एथलीट इसमें हिस्सा लेंगे। क्या भारत इस बार स्वर्ण पदक सूची में अपना स्थान बनाने में कामयाब हो जाएगा. जबकि भारतीय खेल मंत्रालय में खेल मंत्री सोनोबल असम के मुख्यमंत्री बन गए है लेकिन उनके स्थान पर नए खेलमंत्री को न चुना जाना, भारतीय सरकार की खेलों के प्रति उदासीनता दर्शाता है. जबकि भारत के महानतम ओलिंपियन पहलवान सुशील एवं नरसिंह यादव के रियो ओलिंपिक को लेकर कोर्ट कचहरी वाला मुद्दा भारतीय खेलों पर अभिशाप की तरह दीखता है. जब तक भारत वर्ष स्पोर्ट्स कल्चर विकसित नहीं होगा हमारा देश खेलों की दुनिया में इसी तरह फिस्स्द्दी ही बना रहेगा जिसके रहते प्रतेयक खेल प्रेमी को पीड़ा होती है और देश की खेलों में शाख दाव पर लगी है जिसकी चिंता करने वाला कोई नहीं. तो जनाब इसका हल क्या है. भाई जब तक देश के प्रत्यक राज्य, जिले एवं शिक्षा संस्थाओं में खेल प्रतियोगितएं नियमित रूप से आयोजित नहीं होंगी और प्रतेक युवा खिलाडी में खेल-भावना तथा खेलों के प्रति समर्पण नहीं होगा, देश में खेलों को राजनैतिक दखलदांजी से बचाना होगा तभी कहीं जाकर , हम देश में खेलों में विकास कर पाएंगे. अभी तक भारत के लिए लंदन ओलंपिक (2012) सबसे शानदार रहा है।भारत ने इसमें 2 सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल सहित 6 मैडल जीते थे। रियो ओलंपिक में भारत जिम्नास्टिक्स, मेन्स हॉकी, महिला हॉकी, बैडमिंटन, टेनिस, आर्चरी, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, शूटिंग, टेबल टेनिस में भाग लेगा. इस बार देखते हैं भारत आगामी रियो ओलिंपिक मैडल टैली में देश की इज्जत बनाने में कितना कामयाब होता है.


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