हरियाली तीज बेटियों के मान-सम्मान का प्रतीक भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण पर्वः दयानंद वत्स


कैनी क्लब के तत्वावधान में आज पूर्वी दिल्ली के क्रास रीवर माल, कडकडडूमा स्थित ला कॉरडियल बैंक्वैट में हरियाली तीज उत्सव अनुराधा खन्ना और मधु गोयल के संयोजन में धूमधाम से मनाया गया।

इस अवसर पर उपस्थित महिलाओं ने हरियाली तीथ के पारंपरिक लोकगीतों ओर लोकनृत्यों से समां बांध दिया। महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताऐं आयोजित की गईं। नेहा वर्मा तीज क्वीन चुनी गईं। प्रथम रनर अप मानसी शर्मा और दूसरी रनर अप बरखा बंसल रही। सौंदर्य प्रतियोगिताओं में मेंहदी, मेकअप, फैंसी ड्रैस, सैल्फी, डांस में महिलाओं ने बढ चढकर हिस्सा लिया।

आयोजन समिति की अध्यक्षा अनुराधा खन्ना और संयोजिका मधु गोयल के अनुसार दि आर्ट ऑफ गिविंग फॉउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष शिक्षाविद् दयानंद वत्स, वरिष्ठ पत्रकार सुनीता सुशील वकील, समाजसेविका सुधा शर्मा, आर.जे मनीष आजाद रेडियो वाला समारोह में विशिष्ठ अतिथि थे। अपने संबोधन में श्री दयानंद वत्स ने कहा कि सावन में हरियाली तीज उत्सव का विशेष महत्व है। विवाहित महिलाओं के लिए तीज का खास महत्व है। नवविवाहितों की पहली तीज पर ससुराल पक्ष की और से वधू के लिए सिंधारा भेजा जाता है जिसम़े मिठाइयों में घेवर, फीनी, फल, नये वस्त्र और श्रृंगार सामग्री, झूल, पाटडी भेजी जाती है और लडकी अपने मायके में रहती है। दूसरी तीज पर वधू पक्ष वर पक्ष के यहां तीज की कोथली शगुन लेकर जाते हैं और दूसरी तीज पर नवविवाहिता ससुराल में रहती है। श्री वत्स के अनुसार दिल्ली और हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में बेटियों के यहां तीज पर आजीवन सीदधा कोथली देने की परंपरा है। जिसमें नए वस्त्र, मिठाइयां भेजी जाती हैं। बहने बेसब्री से तीज पर अपने भाई के आने का इंतजार करती है। सभी विजेता महिलाओं को अतिथियों ने उपहार भेंट किए। इस तीज उत्सव में बडी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।

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