बापू की 148 वीं जयंती पर दैनिक जीवन शैली में स्वच्छता अपनाने का संकल्प लिया : दयानंद वत्स

दयानंद वत्स
राष्ट्रीय महासचिव,
अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ

अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ एवं नेशनल मीडिया नेटवर्क के संयुक्त तत्वावधान में आज संघ के मुख्यालय बरवाला में संघ के राष्ट्रीय महासचिव गांधीवादी विचारक और चिंतक दयानंद वत्स की अध्यक्षता में राष्ट्रपिता स्वर्गीय महात्मा गांधी की 148वीं और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की 113 वीं जयंती सादगी और श्रद्धा पूर्वक विश्व अहिंसा दिवस के रुप में मनाई गई। श्री वत्स ने बापू और शास्त्री जी के चित्र पर पर माल्यार्पण कर उन्हेँ कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री वत्स ने कहा कि देश भर में पिछले तीन वर्षों से चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के आशातीत परिणाम अभी तक सामने नहीं आ रहे हैं। गंदगी फैलाने वाले लोगों की संख्या बढती जा रही है क्योंकि जन-जागरूकता कार्यक्रम जमीनी स्तर पर न होकर प्रचार माध्यमों और मुट्ठी भर अतिविशिष्ट लोगों तक सीमित हो गया है। स्वच्छता अभियान के लिए जिन लोगों से प्रधानमंत्री जी अपील कर रहे हैं उनका खुद का जनता से सीधा संवाद नहीं है। स्वच्छता अभियान हवा- हवाई और दिखावा भर रह गया है। दुख तो जब होता है जब हमारे मंत्रीगण वीआईपी बनकर आते हैं,

झाडू के साथ फोटोशूट कराकर अपने प्रचार तक सीमित रह जाते हैं। ऐसे में स्वच्छता अभियान भी मजाक बन कर रह गया है। श्री वत्स ने कहा कि प्रधानमंत्री के अथक प्रयासों के बावजूद आज देश की जीवनदायिनी नदियां दुर्गा विसर्जन के बाद गंदगी से पटी पडी हैं। सब गंदगी फैलाने में बढ- चढकर भाग ले रहे हैं। यही सबसे बडी चिंता की बात है।
श्री वत्स ने कहा कि जब तक 125 करोड भारतवासी स्वच्छता को अपनी दैनिक जीवन शैली में दिल से नहीं अपनाएंगे तब तक लक्ष्य प्राप्ति संभव नहीं है। स्कूली स्तर पर ही करोड़ों विद्यार्थियों और उनके शिक्षकों की जन-भागीदारी से ही प्रधानमंत्री के स्वच्छता कार्यक्रम में गति संभव है।

Labels: ,