सचिन रमेश तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में, राजापुर सारस्वत ब्रहमाण परिवार में, पिता रमेश तेंदुलकर व माता रजनी के घर में जन्म हुआ। सचिन ने शारदाश्रम विद्यामन्दिर में शिक्षा ग्रहण की। 1984 में इनके बड़े भाई अजीत ने सचिन को मुम्बई के मशहूर क्रिकेट कोच रमाकान्त आचरेकर के पास क्रिकेट के गुर सीखने की राह दिखाई। स्कूली दिनों में ही अपने साथी बल्लेबाज विनोद कांबली के साथ सचिन ने 664 रनों के अविजित साझेदारी की। जिसमें से सचिन ने 320 रन बनाकर क्रिकेट जगत को अपनी प्रतिभा का अहसास करा दिया। हालांकि, सन 1987 में, 14 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही, एम. आर. एफ. पेस फाउंडेशन में तेज गेंदबाज बनने के लिए अभ्यास कार्यक्रम में शिरकत की। पर वहाँ तेज गेंदबाजी के कोच डेनिस लिली ने उन्हें पूर्ण रूप से अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। अपनी कुशल बल्लेबाजी के दम पर ही, मात्र 16 वर्ष की आयु में ही 15, नवम्बर, 1989 को कराची, पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट केरियर शुरू किया। इसी दौरे के दौरान, एक चैरिटी मैच में, तत्कालीन विख्यात लेग स्पिनर गेंदबाज अब्दुल कादिर के एक ही ओवर में 4 छक्को सहित कुल 27 रन ठोकते हुए सबको हैरान कर दिया था। उसके बाद तो सचिन नित नए रिकार्ड बनाने में जुट गए।
उन्होने अपने समय के उम्दा गेंदबाजो वास, रिचर्ड हेडली, वसीम अकरम, मुरलीधरन, शेन वार्न, मेक्ग्राथ की धज्जियां उड़ाते हुए मनचाहे रन बटोरे। टेस्ट व वन डे क्रिकेट में कुल 100 शतक लगाने तथा दोनों क्रिकेट फ़ारमैट में सर्वाधिक रन बनाने वाले विश्व क्रिकेट में एकमात्र बल्लेबाज हैं। इसके अलावा छरू विश्व क्रिकेट कप में शिरकत करना। 2003 विश्व कप में सर्वाधिक रन ठोकने तथा सर्वश्रेस्ठ बल्लेबाज की खिताब जीता। 2011 में अपने बल्ले के ज़ोहर दिखाते हुए विश्व कप जीतना भी उनके जीवन की विशेष उपलब्धि है। भारत के इस महान बल्लेबाज ने जो कीर्तिमान स्थापित किए है उनको तोड़ पाना मुश्किल ही नही नामुंकिन दिखाई पड़ता है। गौरतलब है कि सर डॉन ब्रेडमेन, सर गेरफील्ड सोबेर्स, सर इयान बोथम, कपिल देव, सुनील गावस्कर, इंजमाम उल हक, सर विवियन रिचर्ड्स, अर्जुन रणतुंग आदि जैसे दिग्गज क्रिकेटर भी उनकी बल्लेबाजी के दीवाने रहे हैं।
मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर भारत के सपूत ने अपने क्रिकेट जीवन में अनेकों रिकार्ड बनाए जैसे एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में सबसे अधिक 62 बार मैन ऑफ द मैच हासिल करना, 24 फरवरी 2010, को वनडे क्रिकेट में 200 रन बनाकर ऐतिहासिक पारी खेली। वनडे क्रिकेट के इतिहास में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बने। 1992 में, इंग्लिश काउन्टी क्रिकेट में, यॉर्कशायर टीम के लिए, सबसे पहले विदेशी अनुबंधित खिलाड़ी होने का भी रिकार्ड सचिन के ही नाम है। सचिन को क्रिकेट के खेल में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भी विभिन्न खिताबों से नवाजा गया है जिनमें भारत सरकार द्वारा राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, सन् २००८ में पद्म विभूषण, 2010 में, आई सी सी द्वारा सर गेरफील्ड सोबेर्स ट्रॉफी, आस्ट्रेलिया द्वारा मेम्बर ऑफ द ऑर्डर ऑफ आस्ट्रेलिया, विजड़न क्रिकेटर अवार्ड, इंडियन एयर फोर्स द्वारा ग्रुप कैप्टन की उपाधि, 2012 में, भारत के राष्ट्रपति ने उन्हे राज्य सभा के सदस्य के रूप में मनोनीत भी किया, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए बड़े गौरव का विषय है। सचिन टेनिस, टेबल टेनिस, कार रेस के अलावा पुराने हिन्दी फिल्मी गानों को सुनने में ख़ासी दिलचस्पी रखते हैं। मशहूर हिन्दी फिल्म गायक लता मंगेशकर की आवाज के तो वे दीवाने हैं। अपने शानदार प्रदर्शन से, सचिन ने भारत का नाम देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी ऊंचा किया है। इसीलिए उनका नाम क्रिकेट के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। सचिन को क्रिकेट में अनोखे रिकार्ड बनाने के खातिर ही क्रिकेट का भगवान माना जाता हैं।