बेहतर रोल की तलाश है :करीना कपूर

प्रेमबाबू शर्मा

बॉलीवुड में इन दिनों कंगना रनोट का सिक्का चल रहा है। मुंहमांगी कीमत पर वे फिल्में साइन कर रही हैं। कोई उनकी फीस 10 करोड़ बताता है तो कोई 11 करोड़, पर वे जितना बोल दें, उतनी कीमत देने को निर्माता-निर्देशक तैयार रहते हैं। इस बुलंदी पर पहुंचने का सपना हर हसीना देखती है, पर जब सपनों जैसे ये दिन कहीं खोने लगते हैं तो कैसा लगता है, ये करीना कपूर को देख कर पता चलता है। ज्यादा दिन पहले की बात नहीं, जब निर्देशक हर कीमत पर करीना को अपनी फिल्म की 'हीरोइन' बनाने को बेताब रहते थे। उन दिनों करीना के नखरे उठाना भी सबके बस की बात नहीं थी। करीना ने बॉलीवुड पर करीब एक दशक तक राज किया और 50 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, पर अब करीना के दिन वैसे नहीं रहे हैं। इसका कारण नई जमात की हीरोइंस का आना है, जो लगातार हिट पे हिट दे रही हैं।

हाल ही में एक साक्षात्कार में करीना ने कहा है कि वे अपने काम को लेकर उतनी ही संजीदा हैं, जितनी कोई नई हीरोइन होती है। वो पूरी जिंदगी फिल्मों में काम करने की इच्छा रखती हैं। फिल्मों से उन्हें प्यार है और अभिनय करना ही जीवन। कहानी अच्छी हो तो उन्हें अपनी फीस कम करने में भी 'ऐतराज' नहीं है। करीना ने कहा, 'बड़ी बजट फिल्मों के बजट अच्छे होते हैं और ऐसी फिल्मों में सही फीस मिल जाती है, पर हां, अगर कोई छोटी बजट की फिल्म अच्छी हो तो वे उसे करने से कभी मना नहीं करेंगी'। अब करीना को करीब से जानने वाले लोग भी उनका ये नया रूप देख कर हैरान हैं। कहा तो ये भी जा रहा है कि करीना से मिलना और उन्हें फिल्म ऑफर करना अब आसान हो गया है, क्योंकि करीना के दरवाजे अब निर्देशकों को खुले मिलते हैं।

करीना के करीबी सूत्रों की मानें तो करीना अपनी पिछली फिल्म बजरंगी भाईजान के हिट होने पर ज्यादा खुश नहीं हैं, क्योंकि वे जानती हैं कि वो फिल्म सलमान की थी। बाकी वाहवाही हर्षाली ने बटोर ली। उनके हिस्से कुछ नहीं आया। अब वे एक ऐसी फिल्म की तलाश में हैं, जिसे वे अपने बलबूते हिट करा सकें। इसके लिए वे हीरोइन ओरिएंटड फिल्म करने के मूड में हैं। लेकिन मामला यहां फंसता है कि ऐसी फिल्मों के बजट ज्यादा अच्छे नहीं होते। इसलिए अब करीना ने ही समझौता करते हुए अपनी फीस को कम करने का फैसला कर लिया है। सफल होने के लिए अब इतना सब तो करना ही पड़ता है। नई अभिनेत्रियों की जमात में करीना का फिट होने के लिए ये नया फंडा लगता है। भई, मायानगरी का यही दस्तूर है। जो बिकता है, वही रुकता है। इसलिए हम तो करीना को बस बेस्ट ऑफ लक ही कह सकते हैं।

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