डब्ल्यूआईएफ़एस जागरूकता अभियान का शुभारंभ

प्रेमबाबू शर्मा​

श्री जे पी नड्डा, माननीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा, "यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि युवा ऊर्जा को सही दिशा में मोड़ा जाए। और इसे केवल तभी हासिल किया जा सकता है जब किशोरों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से देश के भविष्य के लिए अच्छी तरह से तैयार किया जाए।" उन्होंने यह बात स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) कार्यक्रम के तहत साप्ताहिक आयरन और फोलिक एसिड कार्यक्रम (डब्ल्यूआईएफ़एस) के मीडिया अभियान के शुभारंभ के अवसर पर कही। उन्होंने यह भी कहा कि हर सप्ताह लाखों किशोरों में से प्रत्येक को एक आइएफ़ए टैबलेट प्रदान करना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ठोस कार्रवाई किए जाने वाले प्राथमिक क्षेत्रों में से एक किशोरों के बीच पोषण है। मंत्री ने कहा कि हमारा मंत्रालय इस कार्यक्रम के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाओं को लगातार मजबूत बना रहा है और समुदायों अर्थात मातापिता, अध्यापक और किशोर उम्र वालों को समर्थन प्रदान कर रहा है क्योंकि खून की कमी यानी एनीमिया को हराने के लिए इनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। उक्त समारोह में यूनिसेफ़ की सद्भावना राजदूत सुश्री प्रियंका चोपड़ा भी मौजूद थी जो हर सप्ताह एक आइएफ़ए टैबलेट लेने के लिए किशोर उम्र वालों को प्रोत्साहित करने के द्वारा डब्ल्यूआईएफ़एस अभियान का समर्थन कर रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सुश्री प्रियंका चोपड़ा द्वारा मीडिया अभियान के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़ने से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जागरुकता पैदा करने में मदद मिलेगी।

अपना अनुभव साझा करते हुए सुश्री प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि हर सप्ताह आयरन की गोली लेने की वजह से मेरा स्वास्थ्य बेहतर बना और उसके ही प्रभाव से आज भी सेहतमंद हूं। उन्होंने आगे कहा, "मुझे यकीन है कि हम अपने ठोस प्रयासों के माध्यम से किशोरों के बीच खून की कमी यानी एनीमिया की व्यापकता को कम करने में सक्षम होंगे।"

व्यक्ति के आहार में आइएफए के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री बीपी शर्मा, सचिव (स्वास्थ्य) ने कहा, "आयरन के साथ भोजन की पूरकता के लिए मंत्रालय द्वारा अन्य विभागों के साथ साझेदारी की जा रही है।" उन्होंने आगे कहा कि एनीमिया के बारे में किशोरों के बीच जागरूकता कम है और मीडिया उनके बीच स्वास्थ्य का संदेश देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

श्री लुई जार्ज आर्सेनॉल्ट, भारत में यूनिसेफ़ के प्रतिनिधि ने डब्ल्यूआईएफ़एस कार्यक्रम की सराहना की और आसान और कुशल पोषण द्वारा "जागरूकता" और "रोकथाम" के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने किशोरों के बीच एनीमिया के बारे में जागरूकता फैलाने पर भी जोर दिया।

डब्ल्यूआईएफ़एस कार्यक्रम को स्कूल जाने वाले किशोर लड़कों और लड़कियों के बीच शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लागू किया जा रहा है; इसके अलावा, स्कूल नहीं जाने वाली या छोड़ देने वाली लड़कियों (विवाहित और अविवाहित दोनों) के लिए भी इसे लागू किया जा रहा है। डब्ल्यूआईएफ़एस रणनीति में, डब्ल्यूआईएफ़एस के वितरण के लिए एक "निश्चित दिन'' दृष्टिकोण को शामिल किया गया है। यह अनुशंसा की गई है कि सोमवार के दिन सभी स्कूल इस कार्यक्रम का आयोजन करेंगे, और अनुपस्थित छात्रों के किसी और दिन को निर्धारित किया जा सकता है। आइएफए सप्लिमेंटेशन उच्च अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, आइएफए गोलियों के पर्यवेक्षित उपभोग अनुशंसा की गई है। यह कार्यक्रम किशोरों और सामुदायिक सदस्यों के बीच डब्ल्यूआईएफ़एस के महत्व को बढ़ाने के लिए फ़्रंटलाइन कार्यकर्ताओं जैसे कि एडब्ल्यूडब्ल्यू,आशा और अध्यापकों द्वारा आइएफ़ए गोलियों के उपभोग को भी प्रोत्साहित और प्रदान करता है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड पूरकता कार्यक्रम के लिए नोडल मंत्रालय है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय आइएफ़ए सप्लिमेंट और डीवर्मिंग टैबलेट की आपूर्ति के लिए संसाधनों के आवंटनों, जागरुकता के लिए संसाधन सामग्री विकसित करने, निगरानी तंत्र स्थापित करने और कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा करने सहित नीति निर्माण, तकनीकी समर्थन, डब्ल्यूआईएफ़एस कार्यक्रम की वार्षिक योजना के लिए जिम्मेदार है।

किशोरों के लिए डब्ल्यूआईएफ़एस कार्यक्रम के तहत, लक्षित समूहों को आइएफए की खुराक साप्ताहिक आधार पर निःशुल्क वितरित की जाती है। आइएफए की खुराक के अलावा, उसी लक्षित समूह को डीवर्मिंग के लिए अल्बेन्डेज़ोल की गोलियां वर्ष में दो बार प्रदान की जाती हैं।

इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्ति थे- डॉ. (प्रोफेसर) जगदीश प्रसाद, डीजीएचएस, श्री सी.के. मिश्रा, एएस एंड एमडी (एनएचएम), के बी अग्रवाल, अपर सचिव, और डॉ. राकेश कुमार, संयुक्त सचिव (आरसीएच, आईईसी)।

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