यादें ओर यादों से जुड़ी वस्तुओं के प्रति लगाव, एक अलग ही एहसास होती है जैसे की वो पहली गाड़ी जो शायद आपको आपके अठारवे जन्मदिन पर मिली थी या वो याद, जब एक नयी चमचमाती गाड़ी आपके घर आयी थी जब पिताजी को उनके ऑफ़िस में तरक़्क़ी मिली थी।
लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया, वैसे ही वो गाड़ी जिसकी बोगी में 5-6 दोस्त आराम से बैठ जाया करते थे , आज रुक रुक कर चलने लगी है । महीने में 2-3 बार रिपेयर होने जाती है, माईलेज 22किमी/लीटर के जगह 10 किमी/लीटर देती है । पर फिर भी यादों से दूर जाने का मन नही कहा करता है ।
पर वास्तव में आप भी जानते है कि यह गाड़ी न केवल आपके लिए अतिरिक्त व्यय का कारण बन गयी है बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक ख़तरा है । एक 18 साल पुरानी गाड़ी , 10 गुना ज़्यादा धुआँ छोड़ती है । एक शोध के अनुसार ; 25 प्रतिशत वाहन 95 प्रतिशत काला कार्बन और 76 प्रतिशत ऑर्गैनिक तत्व हवा में छोड़ते है जो कैन्सर जैसे रोगों के लिए जीम्मेदार है । यह तत्व वायु को प्रदूषित करते है जिनके कारण कैन्सर दमा एवं साँस सम्बंधित अन्य बीमारियाँ होती है।
इस समस्या के समाधान के लिए , सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम (NGT Act) बनाया है , जिसके अनुसार कोई भी 15 वर्ष पुरानी पेट्रोल गाड़ी , 10 वर्ष पुरानी डीजल गाड़ी या कोई भी वाहन जो कि BS(IV) के अनुकूल नहीं है , का सड़क पर चलना निषेध होगा ।
वी -वीं - एम - पी ( वाल्युन्ट्री व्हीक्युलर मर्दनाइजेशन प्रोग्राम ) के तहत यदि आप अपनी पुरानी गाड़ी के स्थान पर नई गाड़ी लेते है तो आपको 8- 10 प्रतिशत सरकार के द्वारा प्रोत्साहन के रूप में देय होगा । पुरानी गाड़ियों के स्क्रेपिंग के लिये एम. एस. टी. सी. ( मेटल स्क्रेप ट्रेड कारपोरेशन ) महिंद्रा एन महिंद्रा के साथ शेडिंग “shredding” प्लांट खोलने जा रही है । इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में सरकार की मुख्य भूमिका रहेगी , जिसके कारण एक सही मार्गदर्शन में यह पूरी प्रक्रिया कार्यान्वित हो सकेगी । इससे उत्पादित स्टील देश में स्टील पर हो रहे आयत को कम करने में भी सहायता करेगी। एक आंकड़े के मुताबिक 18 लाख स्क्रेप 200 - 300 डॉलर पर भारत में आयात होता है , न केवल स्टील पर गाडियो के स्क्रेप से अलम्युनिय प्लास्टिक और रबड़ जैसी वस्तुए भी मिलेंगी, जिनका प्रयोग अलग - अलग उद्योगों में किया जा सकता है ।
यदि इन सब तथ्यों के बावजूद आप अपनी गाड़ी से जुदा नही हो सकते , तो यह पंक्तिया आपके लिये,
" कुछ राहते ऐसी भी, यादो के साथ है ।
जिनसे दूर चले जाने ,में ही राहत है ।।
Citizen's reporter
Stuti Relan
(PGDM 2nd year student of IMT GHAZIABAD)