“अनंत की ओर “ उभरते हुए कलाकारों के लिए एक सुनहरा मंच !


कला का न कोई रूप होता है न आकार,कलाकार अपनी सोच और इच्छा के अनुसार किसी भी कैनवास पर अपनी कला को उतारता है व उसमे रंग भरता है जिसको हम कलाकृति कहते है ! “अनंत की ओर ” से प्राय – जिसका ना कोई अंत है ना छोर ! अथार्त अनंत विचारो में से रचनात्मक विचारो के द्वारा कला एवं तकनीक को उच्चतर स्तर प्रदान करने के लिए अथक प्रयास करना ! यह एक ऐसी कला प्रदर्शनी है जो सभी वर्गों सभी कलाकारों को एक मंच प्रदान करती है!

कुछ इसी प्रकार का कार्य कलाभूमि द्वारा बीते 8 से 10 वर्षो से किया जा रहा है “कलाभूमि” एक कला की भूमि है एक ऐसी दुनिया जहां कला को एक नया रुप दिया जाता है !एक ऐसा संस्थान जो आपको आपकी सीमाओं और सोच से उच्च स्तर पर ले जाकर कुछ नया करने के लिए प्रोत्साहित करता है जिसमे कलाभूमि “अनंत की ओर” के जरिये नवोदित व प्रसिद्ध कलाकारों को एक मंच प्रदान करती है और उनको उनकी सोच के अनुसार अपनी कलाकृति को पूर्ण संसार में एक नया रूप देने का कार्य करती है ! इसी वर्ष 2017 कलाभूमि द्वारा नवोदित और प्रशिद्ध कलाकारों की 3 दिन की कला प्रदर्शनी का आयोजन होटल रैडिसन ब्लू, सेक्टर-13 द्वारका , नयी दिल्ली में किया गया जिसमे मुख्या अतिथि डॉ. बिन्देश्वर पाठक जी (फाउंडर ऑफ़ सुलभ इंटरनेशनल ), मैजेर जनरल सुनील चंद्रा (प्रबंध निदेशक-सेना संस्थान शिक्षा सोसाइटी ), मुख्य संरक्षक डॉ. हनीफ कुरैशी आईपीएस (कमिश्नर ऑफ़ पुलिस , फरीदाबाद), गेस्ट ऑफ़ ऑनर श्री मती संगीता गुप्ता (चीफ कमिश्नर ऑफ़ इनकम टैक्स) व कई प्रसिद्ध प्रख्यात कलाकार उपस्थित थे! अभी तक के समय में कोई ऐसा संस्थान या मंच नही हुआ जिसने नवोदित और प्रसिद्ध कलाकारों को एक 5 स्टार जैसा मंच प्रदान किया हो !

लगभग 45 कलाकारों की 100 पेंटिंग्स ने मानो सभी का मन मोह लिया. कलाकृति देखने पर आभास होता मानो अभी बोल देगी! किसी कलाकार ने प्रकृति के रूप को दर्शाया किसी ने संसार के बदलते रूप को, कोई तो मानो सम्पूर्ण दुनिया को अपने मस्तिक्ष में समाया हुआ पाया! एक कलाकार अपनी कला को कई नए रूप दे सकता है अगर हर कलाकार को कलाभूमि जैसा एक मंच और संस्थान मिल जाए तो सभी कलाकार मिलकर कला से सम्पूर्ण दुनिया को और सुंदर बना सकते है !

कलाभूमि के संस्थापक व प्रसिद्ध कलाकार असगर अली जी ने बताया कि कलाभूमि “अनंत की ओर” कला प्रदर्शनी के माध्यम से सभी कलाकारों को एक उच्च मंच प्रदान करना व देश दुनिया में उनको कलाकृति के जरिये पहचान दिलाना है ! वैसे तो कई बडे संस्थान ऐसे है जो कलालार की कलाकृति को एक मंच प्रदान कराते है परन्तु कलाभूमि एक ऐसा अनोखा और प्रसिद्ध संस्थान है यहाँ छात्र न केवल कला की विभिन्न तकनीको को बारीकी से सीखते है ,अपनी सोच के अनुसार अपने मन की कला में रंग भरते है उनको आकार देते है बल्कि उनको यहाँ पर एक मंच भी प्रदान करते है ! जिनके माध्यम से वो अपनी कला का प्रदर्शन हिन्दुस्तान में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में करते है ! कलाभूमि पिछले 12 वर्षो से इस कार्य में मुकीम हासिल कर चुकी है व 3000 से ज्यादा बच्चो को कला से रूबरू करा चुकी है जो बच्चे आज अन्तराष्ट्रीय स्तर पर काफी जानी मानी प्रसिद्ध संस्थानों में कार्य कर रहे है!

कलाभूमि उन सभी गरीब बच्चो व कलाकारों की मदद करती है व कला की शिक्षा प्रदान करती है जो इस कार्य को करने मे सक्षम नही है उनको उनकी एक पहचान दिलाना उनको मुफ्त कला की शिक्षा प्रदान कराना कलाभूमि का मुख्या कार्य है! आने वाले समय में कलाभूमि “अनंत की ओर” कला प्रदर्शनी के जरिये सभी नवोदित और प्रसिद्ध को और उच्च स्टार प्रदान करेगी !

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